अमिलिया कलां में ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए गांव के लोगों से लिया गया चंदा, ग्रामीणों में आक्रोश

अमिलिया कलां में ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए गांव के लोगों से लिया गया चंदा, ग्रामीणों में आक्रोश

आंचलिक खबरें

मेजा, प्रयागराज। सरकार की लाख कवायद के बावजूद जिले में विद्युत विभाग का रवैया नहीं बदल रहा है। ट्रांसफार्मर जलने के बाद इसे बदलने के लिए ग्रामीणों को चंदा एकत्र कर जगह-जगह चढ़ावा देना पड़ता है। इतना ही नहीं ग्रामीणों को अपने साधन से ट्रांसफॉर्मर वर्कशॉप पहुंचाना और वर्कशॉप से ले आना पड़ता है। बताया जाता है वर्कशॉप में हर महीने ट्रांसफॉर्मर ले जाने और ले आने के नाम लाखों का खेल किया जाता है।
सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद जिले में विद्युत विभाग की मनमानी जारी है। काली कमाई के लिए तरह-तरह के हथकंडे भी अपनाए जाते हैं। ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिए सालों पहले चली आ रही व्यवस्था आज भी अधिकारियों की कृपा से बदस्तूर जारी है। करीब साढ़े चार साल पहले प्रदेश सरकार की ओर से ट्रांसफार्मरों के जलने की स्थिति में इसे बदलने के लिए नई व्यवस्था लागू की। इसके तहत ग्रामीणों को टोल फ्री नंबर 1912 पर सूचना देना होता है और 72 घंटे में ट्रांसफार्मर बदलने का प्रावधान किया गया। ट्रांसफार्मर को ले आने व ले जाने की जिम्मेदारी भी विभाग के जिम्मे है। कुछ माह तक तो अधिकारियों ने इसका पालन किया लेकिन इसके बाद यह व्यवस्था भी जिले में ध्वस्त हो गई और पुराने तर्ज भी चलने लगा। आलम यह है कि कहीं भी ट्रांसफार्मर जलने के बाद इसे बदलने के लिए ग्रामीणों को चंदा इकट्ठा करके ट्रांसफार्मर को अपने खर्चे से वर्कशॉप तक ले जाना और फिर ले आना पड़ता है। इसके ट्रांसफार्मर को लाने और ले जाने वाले मजदूरों की भी सेवा करनी होती है। इसके बाद भी काफी मशक्कत के बाद ट्रांसफार्मर उपलब्ध हो पाता है।

ट्रांसफार्मर बदलने में अपनाए जाते हैं तरह-तरह के हथकंडे

ट्रांसफार्मरों को बदलने में तरह-तरह के खेल किए जाते हैं। कई बार तो सूचना पर ऑनलाइन निस्तारित कर दिया जाता है, लेकिन मौके पर कई दिनों बाद ट्रांसफार्मर पहुंचता है। इतना नहीं जला हुआ ट्रांसफार्मर भेज कर शिकायत का निस्तारण कर दिया जाता है। संबंधित गांव के ट्रांसफार्मर को अन्यत्र भेज कर काली कमाई की जाती है। बताया जाता है कि वर्कशॉप में ट्रांसफार्मर बदलने के नाम पर खूब गोरखधंधा किया जाता है और हर महीने लाखों का खेल होता है।
ट्रांसफार्मर बदलने की पूरी जिम्मेदारी विभाग की है और इसके लिए सभी तरह के इंतजाम किए गए हैं। अगर गांव में इसके नाम पर कोई धन उगाही करता है और इसकी जांच करनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *