स्वर्णकार समाज के विकास के लिए स्वर्ण कला बोर्ड का गठन किया जाए, राष्ट्रीय अध्यक्ष उमेश चन्द्र सोनी
स्वर्ण कला सोसाइटी के पदाधिकारी व सदस्यों ने उत्तर प्रदेश सरकार से किया मांग
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प्रयागराज । स्वर्णकार समाज के लिए आभूषण बनाना बड़ी कला है, बावजूद इसके संरक्षण और संवर्धन के सरकार की ओर से कभी कोई प्रयास नहीं किए गए, जिससे इस व्यवसाय से जुड़े लोग लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। समय की मांग है कि स्वर्णकार समाज के उत्थान के लिए सरकार ‘स्वर्ण कला बोर्ड’ का गठन करे। इतना ही नहीं, नई पीढ़ी स्वर्ण कला से जुड़े और उसे आधुनिक तकनीकी का ज्ञान हो, इसके लिए स्वर्ण कला को प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन में शामिल किया जाए। श्री सोनी ने कहा कि स्वर्णकार समाज के साथ लोगों का पीढ़ियों का विश्वास जुड़ा हुआ है। बावजूद, अक्सर पुलिस उत्पीड़न का सामना करना पड़ जाता है। धारा 411 और 412 को हथियार बनाकर पुलिस उत्पीड़न करती है। इसे हटाया जाना जरूरी है। इसके अलावा आए दिन स्वर्णकार समाज के लोगों के साथ लूट की घटनाएं सामने आती रहती हैं। समाज के लोगों की सुरक्षा के इंतजाम किए जाने चाहिए और उन्हें शस्त्र लाइसेंस दिए जाने चाहिए। हॉलमार्क आभूषण बेचने के लिए बाध्य किया जाना भी गलत है। राजनीतिक दल भी समाज की अनदेखी कर रहे हैं। समाज के लोगों को लोकसभा और विधानसभा में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।
इसके अलावा समाज के लोगों ने महानगर में व्याप्त समस्याएं भी उठाईं। बाजारों में लगने वाले जाम से वे नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि इससे उनके कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। पार्किंग का बंदोबस्त भी न होना बड़ी समस्या है।
स्वर्णकार समाज के विकास के लिए स्वर्ण कला बोर्ड का गठन किया जाए। इसके अलावा स्वर्णकला के संरक्षण के लिए इसे पीएम कौशल विकास मिशन में शामिल किया जाए।
स्वर्णकार समाज राजनीति में लगातार सेवाएं देने के बाद भी सोनी समाज को राजनीति में भागीदारी नहीं मिल रही है। समाज को हमेशा अंतिम पंक्ति में खड़ा रखा गया। इसमें बदलाव समय की मांग है।
,उमेश चन्द्र सोनी स्वर्ण कला सोसाइटी राष्ट्रीय अध्यक्ष, ने कहा कि स्वर्णकार समाज अति पिछड़ा है। कोरोना ने समाज को ओर भी पीछे धकेल दिया है। बावजूद, सरकार की ओर से समाज के लिए अलग से कोई योजना नहीं लाई गई।बाहरी कारीगर स्थानीय स्वर्णकारों को खासी चोट दे रहे हैं। कारोबार का माहौल बिगड़ गया है। इस पर नियंत्रण के उपाय होने चाहिए। स्वर्णकार समाज को स्वर्णकारी में आगे बढ़ाना चाहिए।
स्वर्ण कला बोर्ड का हो गठन, कौशल विकास में शामिल हो आभूषण की दस्तकारी
आभूषण बनाना बड़ी कला है, बावजूद इसके संरक्षण और संवर्धन के सरकार की ओर से कभी कोई प्रयास नहीं किए गए, जिससे इस व्यवसाय से जुड़े लोग लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। समय की मांग है कि स्वर्णकार समाज के उत्थान के लिए सरकार ‘स्वर्ण कला बोर्ड’ का गठन करे। इतना ही नहीं, नई पीढ़ी स्वर्ण कला से जुड़े और उसे आधुनिक तकनीकी का ज्ञान हो, इसके लिए स्वर्ण कला को प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन में शामिल किया जाए। स्वर्णकार समाज के साथ लोगों का पीढ़ियों का विश्वास जुड़ा हुआ है। बावजूद, अक्सर पुलिस उत्पीड़न का सामना करना पड़ जाता है। धारा 411 और 412 को हथियार बनाकर पुलिस उत्पीड़न करती है। इसे हटाया जाना जरूरी है। इसके अलावा आए दिन स्वर्णकार समाज के लोगों के साथ लूट की घटनाएं सामने आती रहती हैं। समाज के लोगों की सुरक्षा के इंतजाम किए जाने चाहिए और उन्हें शस्त्र लाइसेंस दिए जाने चाहिए। हॉलमार्क आभूषण बेचने के लिए बाध्य किया जाना भी गलत है। राजनीतिक दल भी समाज की अनदेखी कर रहे हैं। समाज के लोगों को लोकसभा और विधानसभा में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।
सराफा कारोबारियों के साथ आए दिन लूटपाट की घटनाएं होती रहती हैं। सरकार को सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने चाहिए। असलाह लाइसेंस भी प्राथमिकता पर देने चाहिए।
*स्वर्णकारों के सम्मान में नगर के किसी एक चौराहे पर समाज के महापुरुष की प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए*। स्वर्णकला विकास के लिए जिले में सरकारी स्तर पर कमेटी गठित की जानी चाहिए।
आभूषण बनाने वाले कारीगरों के लिए सरकार को अलग से पॉलिसी लानी चाहिए। कारोबार का बेहतर माहौल मिले, इसके लिए अलग से दुकान-बाजार उपलब्ध कराने चाहिए।
स्वर्णकार समाज के लोग अपना माल बेचने के लिए बाहर जाते हैं। उनके पास लाखों के आभूषण होते हैं। अक्सर उनके साथ लूटपाट हो जाती है। सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।
*सोने-चांदी के कारोबार के लिए बैंकों द्वारा लोन तक उपलब्ध नहीं कराया जाता है*। कैपिटल का इंतजाम खुद करना होता है। बैंकिंग नीति में सरकार को बदलाव करना चाहिए।