स्कूल के शौचालय में सफाई व्यवस्था जीरो ,मुख्य मार्ग पर बह रहा शौचालय का पेशाब ज़िम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

स्कूल के शौचालय में सफाई व्यवस्था जीरो ,मुख्य मार्ग पर बह रहा शौचालय का पेशाब ज़िम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

 

आदर्श सहारा टाइम्स

उरुवा, प्रयागराज। उरुवा ब्लॉक के ग्राम अमिलिया कलां के मनु का पूरा प्राथमिक विद्यालय के शौचालय की सफाई व्यवस्था सफाई अभियान को आइना दिखाने के लिए गंदगी का उदाहरण हैं। बच्चों को शिक्षा से मिलने वाली साफ-सफाई की सीख प्राथमिक स्कूल में बेमानी हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश स्कूलों में शौचालयों की हालत बदतर है। सफाई न होने से शौचालयों के निर्माण पर खर्च राशि भी बर्बाद हो चुकी है। शिक्षकों के वेतन पर मासिक करोडों से अधिक खर्च करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में सफाई कर्मचारी की कमी है। अमिलिया कलां ग्राम के प्राथमिक विद्यालय मनु का पूरा की हालत यही है। शासन द्वारा विद्यालयों में बच्चों को किताबी शिक्षा के साथ ही स्वच्छता और साफ सफाई का पाठ पढ़ाया जाता है। वहीं विद्यालय के शौचालय में ही गंदगी का अंबार है। और शिक्षक और ग्राम प्रधान सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठा रहे हैं। यह हाल तब है। जब संक्रामक रोग तेजी फैल रहे हैं। विद्यालय में थोड़ा ही दूर पर मध्यान्ह भोजन भी बनता है। वह भी गंदगी के वातावरण में। गंदगी की भरमार कभी भी बच्चों में डायरिया जैसे संक्रामक रोगों का कारण बन सकती है। शौचालयों की गंदगी में मच्छर भी पनप रहे हैं। इनके काटने से डेंगू, स्वाइन फ्लू, दिमागी बुखार जैसे रोग होते हैं। कभी भी बच्चे गंभीर रोगों के शिकार हो सकते हैं उसके बाद भी सफाई व्यवस्था न कराया जाना अभिभावकों की चिंता बढ़ाए है। वही स्कूल प्रशाशन का कहना है कि साफ-सफाई का कोई बजट नही मिलता हैं वजट के अभाव में शौचालय सफाई नही हो रही हैं।
फिलहाल नाम न प्रकाशित करने की बात पर कुछ लोगों ने बताया कि शौचालय की जमीन का स्लोप (ढाल) बाहर की तरफ़ किया गया है ।जिससे की मुख्य मार्ग पर चलना दुश्वार हो गया है। क्युकी पेशाब बाहर रास्ते में बह रहा है।
जिससे बदबू और गंदगी में कई संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। और तो और प्राथमिक विद्यालय में लगा समरसेबुल भी एक हफ्ते से खराब है।आपको बताते चलें कि प्राथमिक विद्यालय और पंचायत भवन परिसर दोनों सटे हुऐ हैं।और बगल में ही बच्चों का मध्याह्न भोजन भी बनाया जाता है।
मगर फिर भी ज़िम्मेदार आंख मूंद कर सोए हुए हैं।

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