परानीपुर लाक्षागृह पक्के पुल का मुद्दा गया ठंडे बस्ते में, लोगों ने कहा कि पक्का पुल सिर्फ चुनावी मुद्दा था

परानीपुर लाक्षागृह पक्के पुल का मुद्दा गया ठंडे बस्ते में, लोगों ने कहा कि पक्का पुल सिर्फ चुनावी मुद्दा था

आदर्श सहारा टाइम्स

मेजा प्रयागराज से शैलेश कुमार कुशवाहा की रिपोर्ट

मेजा ,प्रयागराज। प्रयागराज जिले के मेजा तहसील में गंगा नदी पर स्थाई पुल नहीं होने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।हालात यह है कि गंगा का जलस्तर कम होने पर अक्टूबर नवंबर के महीने में पांटून पुल के सहारे लोग गंगा पार ,जौनपुर ,भदोही ,वाराणसी की तरफ सफर कर लेते हैं ।लेकिन बरसात के समय जलस्तर बढ़ने पर यह पांटून हटा दिया जाता है । जिसके बाद नाव और स्ट्रीमर से रोजाना हजारों की तादाद में लोग सफर करते हैं। इस दौरान हादसे में कई बार लोग अपनी जान गवा चुके हैं ।पांटून पुल बनाने में लाखों का खर्च आता है। और प्रतिवर्ष कई पांटून पुल बनाने का खर्चा करोड़ो हो जाता हैं।
जनपद प्रयागराजके मेजा क्षेत्र में काफी लंबे समय से गंगा घाट से पक्के पुल की निर्माण की बात कही जा रही थी। इसको लेकर कई समाजसेवी संगठन आंदोलन भी कर चुके हैं। सितंबर 2017 में एक नाव से जा रही पूरी बारात गंगा में डूब गई थी। जिसमें कई परिवार के लोग गंगा में डूब गए थे । जिसके बाद क्षेत्र के कई समाजसेवियों ने अपने अपने तरीके से दलील भी दी थी। इस गंगा घाट पर पक्का पुल बनना बहुत ही जरूरी था । 2021 में नीलम करवरिया ने पुल का मुद्दा विधानसभा में उठाया। जिसके परिणाम स्वरूप 2 नवंबर 2021 को धनतेरस के दिन लखनऊ सेतु निर्माण के अधिकारियों की टीम ने मिट्टी की जांच करके पुल निर्माण के लिए जमीन चिन्हित कर दी। जिसके बाद वहां पर विधायक जी द्वारा बकायदा भूमि पूजन किया गया। और अधिकारियों द्वारा बताया गया कि परानीपुर गंगा घाट से लाक्षागृह गंगा घाट की दूरी 1600 मीटर और पुल निर्माण पर अनुमानित लागत ₹485 रुपए आएगा।
जिसे विपक्षी दलों ने गलत बताया था। सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने स्थानीय लोगों की मांग पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर पुनः परानीपुर लक्षागृह मार्ग पर पक्का पुल बनाए जाने का पत्र सौंपा था। सांसद की मांग को स्वीकार करते हुए ।केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार की सेतु निगम की टीम से दोबारा मिट्टी की जांच करवाई ।जिसके बाद मिट्टी सही पाई गई। और कुछ ही महीनों में पक्का पुल निर्माण का काम शुरू होने की बात कही गई थी। मगर लगभग 2 साल होने को चला लेकिन पक्का पुल का निर्माण आज तक शुरू नहीं हुआ। जिससे मेजा वासियों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कोई इसे चुनावी जुमला बता रहा है तो कोई इसे जनता को लुभाने के वादे, अब देखना यह है मेजा की जनता आने वाले 2024 चुनाव में किस मुद्दे पर अपना मतदान करेगी। लोगों ने कहा कि हो सकता है कि सांसद द्वारा भी पक्का पुल बनवाने का झुनझुना हमको दिया जाए मगर हम बहकावे में नहीं आएंगे। जबतक जानता को पुल बनाये जाने का पक्का आश्वाशन नहीं मिलेगा हम किसी के बहकावे में नहीं आएंगे।

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