तहसील दिवस कोरांव में औपचारिकता बनकर रह गया है फरियादी मायूस लौट रहे है

तहसील दिवस कोरांव में औपचारिकता बनकर रह गया है फरियादी मायूस लौट रहे है

एक ही मामले के कई बार दे चुके है प्राथना पत्र

 

आदर्श सहारा टाइम्स

कोरांव ,प्रयागराज। कहने को तो तहसील समाधान दिवस होता है लेकिन उसमें फरियादियों के समस्याओं के समाधान के बजाय सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जाती हुई दिखलाई पड़ती हैं। बात करें फरियादियों के समस्याओं के निस्तारण की तो प्रत्येक समाधान दिवस पर महज आठ या दस प्रार्थना पत्रों का निस्तारण कागजों पर दिखाया जाता है वह भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहता है। जबकि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने राजस्व के मामलों में ज्यादातर विवाद होने की वजह से तहसील अधिकारियों को निर्देशित किया है कि लगातार लंबित मामलों का क्रमबद्ध तरीके से निस्तारण किया जाए लेकिन स्थानीय अधिकारियों को इसके लिए फुर्सत ही नहीं दिखाई पड़ती। इसी तरह शनिवार को आयोजित तहसील समाधान दिवस में कुल 240 प्रार्थना पत्र दिए गए जिसमें महज आठ के ही निस्तारण हुए। ऐसी स्थिति में धीरे धीरे तहसील समाधान दिवस से लोगों का भरोसा ही उठता जा रहा है वह अपने मामलों को लेकर अधिकारियों के आफिसों का चक्कर लगा लगाकर निस्तारण न होने पर थक हारकर घर बैठ जाते हैं।

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