प्राइवेट अस्पतालों पर प्रयागराज सीएमओ मेहरबान मेजा में मरीजों के मौत की कीमत पैसे से तौला जाता है

प्राइवेट अस्पतालों पर प्रयागराज सीएमओ मेहरबान मेजा में मरीजों के मौत की कीमत पैसे से तौला जाता है

प्रयागराज जिले की मेजा में चौपट हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधार करने का प्रयास कब करेंगे स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक

 

मेजा,प्रयागराज । प्रयागराज जिले के मेजा में सूत्रों से पता चला है कि प्राइवेट अस्पताल चलाने वाले डॉक्टर से अच्छा पैसा महीना की वसूली सीएमओ के कार्यालय में उनका चहेता संविदा कर्मी द्वारा प्रत्येक महीने किया जा रहा है। यदि आंकड़ों पर गौर करें तो डॉक्टर से सलाना कितना वसूली हो रही है जिसके चलते डॉक्टर के प्राइवेट अस्पताल चलाने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा रोक नहीं लगाई जाती है। यह संविदा कर्मी पूरे दिन साहब जी की हुजूरी करता है। इस बात का प्रमाण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में लगा सीसीटीवी कैमरा कर रहा है। आखिर प्रयागराज जिले की मेजा में चौपट हो चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधार करने का प्रयास कब स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक द्वारा किया जाएगा।
इस बात का जवाब प्रयागराज जिले की मेजा की जनता स्वास्थ्य मंत्री से चाहती है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री भी जिले की जनता को इस बात का जवाब देने के लिए तैयार नहीं है। पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट कर देने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारी तो इस कदर से मीटिंग का निर्देश जारी कर देते हैं जिससे प्राइवेट अस्पताल में चिकित्सक नहीं मौजूद मिलते और मरीज तड़पते रहते हैं और इलाज के आभाव में मरीजो की मौत हो जाती है। मजबूरन मरीज निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने पहुंचते हैं। जहां पर चिकित्सक उपस्थित मिल जाते हैं, लेकिन उसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्राइवेट चिकित्सकों की यह करनी इसलिए नहीं दिखाई पड़ा है क्योंकि उनका संविदा कर्मी प्रत्येक वर्ष चिकित्सकों से वसूली कर रहा है।
मामले को लेकर कई बार शिकायत हुई शासन स्तर से जांच शुरू हुई लेकिन जांच के दौरान सब कुछ लीपा – पोती हो जाता है जिससे वसूली करने वाले के हौसले बुलंद है और गलत तरीके से चलने वाले नर्सिंग होम क्लीनिक नहीं बंद हो रहे हैं जिसका खामियाजा मरीज भुगत रहे हैं और मामूली मर्ज पर मौत हो रही है। प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को इलाज नहीं मिलता है लेकिन फिर भी प्रत्येक महीने लाखों रुपए अस्पताल के डॉक्टर को आसानी मिलता जा रहा है। आखिर प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर से सीएमओ के क्या रिश्ते हैं यह बड़ी जांच का विषय है।

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