श्रीमद् भागवत कथा श्रवण मात्र से मानव जीवन से मुक्ति…मनीष आनंद जी महाराज

 

आदर्श सहारा टाइम्स

कोरांव, प्रयागराज। मनुष्य के संपूर्ण मानव जीवन में श्रीमद् भागवत कथा का बहुत ही बड़ा स्थान है। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण मात्र से ही मनुष्य को मानव जीवन से मुक्ति प्रदान होती है। उक्त बातें मां काली मंदिर पुरादत्तु में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य पंडित मनीष आनंद शास्त्री जी द्वारा बतलाई गई। पंडाल में उपस्थित भक्तजनों को कथा श्रवण कराते हुए भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा कि प्रत्येक को उनके संस्कारों की सीख लेना चाहिए ।उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण स्वयं परमात्मा होते हुए भी अपने माता-पिता के चरणों को प्रणाम करने में संकोच नहीं करते थे। धर्म की रक्षा के लिए भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर जन्म लिया और साथ ही साथ तमाम लीलाओं को भी उन्होंने वर्णित किया। आगे कथावाचक ने बालिकाओं का समाज और परिवार में महत्व बतलाते हुए कहा कि पुत्र केवल एक कुल का उद्धार करता है। लेकिन पुत्री तीन कुल का उद्धार करती है बेटियां इस संसार की जन्मदातरी हैं। उन्हें शिक्षित, संस्कारित कर उनकी सदैव रक्षा करना चाहिए कथा श्रवण के दौरान पंडाल भक्तों से भरा रहा।

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