राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण द्वारा लगवाए गए सोनार का तारा चौराहे पर स्टील लाइट खराब, चौराहा अंधेरे में डूबा
स्टील लाइट लगे 2 साल हो गए लेकिन लगाते ही 6 महीने में खराब हो गया 1 साल के ऊपर बीत जाने के बाद भी स्टील लाइट नहीं बना, सोनार का तारा चौराहा अंधेरे में डूबा
आदर्श सहारा टाइम्स
मेजा, प्रयागराज। राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण द्वारा लगवाए गए सोनार का तारा चौराहे पर स्टील लाइट खराब चौराहा अंधेरे में डूबा
गांव की गलियों में रात के अंधेरे में दुधिया रोशनी बिखेरने को स्ट्रीट लाइट व सोलर लाइटें लगाई गई। मकसद रहा कि शहरों के तर्ज पर गांव-गिरांव की सड़कों पर ये लाइटें उजाला बिखेरेंगी तो चोर-उचक्कों पर अंकुश लगेगा। लोगों को लाइट की व्यवस्था नहीं करनी होगी। योजना के तहत गांव-गांव में स्ट्रीट लाइट, सोलर पैनल लगाने में लाखों रुपये खर्च कर दिए गए। लेकिन चंद महीने बाद ही गांव की गलियों के विद्युत पोल पर लगीं स्ट्रीट लाइट व तिराहा, चौराहों के सोलर लाइट गायब हो गईं। भ्रष्टाचार के चलते योजना फलीभूत नहीं हो सकी। इससे गांव की गलियों में रात में अंधेरा कायम रहता है। शाम ढलते ही चोर-उचक्कों का गिरोह सक्रिय हो जाता है।
राज्यसभा सांसद को रेवती रमण द्वारा चौराहे पर स्टील लाइट लगाई गई थी जिससे गांव की गलियों के साथ ही मुख्य मार्ग के तिराहे, चौराहे पर व्यापक पैमाने पर स्ट्रीट लाइटें लगवाई गईं। सोनार का तारा सहित दर्जनों गांवों में लाइटें रखरखाव व मरम्मत के अभाव में शोपीस हो गई हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 में बिजली की खपत कम करने के लिए सरकार ने सोलर लाइट लगाने पर खासा जोर दिया। 14 वें वित्त से गांव को सौर ऊर्जा से रोशन करने की कवायद हुई। प्रत्येक सोलर पैनल 21 हजार रुपये की दर से चुनिदा ग्राम पंचायतों में लगाया गया। लेकिन उनके देखभाल की मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गई। गुणवत्ता को दरकिनार कर घटिया किस्म के सोलर पैनल चंद महीने में ही खराब हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि बड़े-बड़े वादे करके लोग चले जाते हैं अब देखना है कि कितने दिन में स्ट्रीट लाइट बन कर तैयार हो जाता है।