पनासा में करोड़ों का नलकूप पानी टंकी वर्षों से बंद, ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे
आदर्श सहारा टाइम्स
करछना ,प्रयागराज। करछना विधानसभा के ग्राम सभा पनासा के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पनासा गांव में करोड़ों रुपये की लागत से बनाई गई नलकूप आधारित पानी टंकी वर्षों बीत जाने के बाद भी चालू नहीं हो सकी है। हालात यह हैं कि टंकी पूरी तरह तैयार होने के बावजूद गांव के लोगों को आज तक एक बूंद पानी नसीब नहीं हुआ। सरकार की महत्वाकांक्षी जलापूर्ति योजना पर यह परियोजना सवाल खड़े कर रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी टंकी बनने के बाद से ही इसमें कभी नियमित परीक्षण नहीं हुआ। नलकूप टंकी के प्रांगण में आज जंगल और झाड़ियां उग आई हैं। चारों ओर फैली गंदगी और उपेक्षा के कारण यह परिसर अब सुनसान हो चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि जहां कभी ऑपरेटर का कमरा और उपकरण होने चाहिए थे, वहां ताले जंग खा रहे हैं और जगह भूतों के अड्डे जैसी बन गई है। रात के समय लोग उधर से आने जाने से भी कतराते हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, योजना शुरू होने के समय अधिकारियों ने भरोसा दिलाया था कि गांव को 24 घंटे या तय समय पर पेयजल मिलेगा। पाइपलाइन भी बिछाई गई, टंकी खड़ी कर दी गई, लेकिन इसके बाद काम अधूरा छोड़ दिया गया। कई बार शिकायतें की गईं, जनप्रतिनिधियों से लेकर विभागीय अधिकारियों तक गुहार लगाई गई, पर नतीजा शून्य रहा।
पेयजल संकट के चलते ग्रामीणों को मजबूरी में हैंडपंप, कुओं और निजी बोरिंग पर निर्भर रहना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में हालात और बिगड़ जाते हैं। जब जलस्तर गिरने से हैंडपंप जवाब दे देते हैं। महिलाओं और बच्चों को दूर-दराज से पानी ढोना पड़ता है। जिससे उनकी दिनचर्या और स्वास्थ्य दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि जब करोड़ों रुपये खर्च कर टंकी बनाई गई, तो उसे चालू करने में इतनी लापरवाही क्यों बरती जा रही है। उन्होंने जांच कराकर जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही, जल्द से जल्द नलकूप टंकी को चालू कर नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने की अपील की है।
अब देखने वाली बात यह है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या पर कब संज्ञान लेता है और पनासा के ग्रामीणों को उनका हक—शुद्ध पेयजल—कब मिलता है।
