खंड शिक्षा अधिकारी पर शिक्षिका का सनसनीखेज आरोप
योगीराज में मिशन शक्ति की कसौटी: शिक्षा विभाग में महिला उत्पीड़न का मामला
आदर्श सहारा टाइम्स
लखनऊ,बिजनौर । योगी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए मिशन शक्ति अभियान लगातार चलाया जा रहा है, लेकिन इसी बीच शिक्षा विभाग से जुड़ा एक बड़ा विवाद सामने आया है जिसने इस अभियान की जमीनी हकीकत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। चाँदपुर खंड शिक्षा अधिकारी गजेन्द्र सिंह पर कम्पोजिट विद्यालय कटकुई नगर क्षेत्र की शिक्षिका आयशा खातून ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शिक्षिका का कहना है कि वर्ष 2022 से अब तक उनसे बार-बार पचास-पचास हजार रुपये की अवैध वसूली की गई और पैसे न देने पर निलंबन, ट्रांसफर और जिला बदर की धमकियाँ दी जाती रहीं। आरोप है कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, अनऑफिशियल कॉल और अशोभनीय संदेश भेजे गए और विभागीय बैठकों में चरित्रहीन महिला कहकर अपमानित किया गया। इसके साथ ही स्मार्ट क्लास उपकरणों का निजी उपयोग, कम्पोजिट ग्रांट की राशि शिक्षामित्रों व परिजनों के खातों में ट्रांसफर करने और कई अध्यापिकाओं पर दबाव बनाकर वीआरएस दिलवाने जैसी गड़बड़ियों का भी आरोप सामने आया है। महिला आयोग और इलाहाबाद हाईकोर्ट में शारीरिक शोषण से जुड़े मामले भी लंबित बताए जाते हैं।
पीड़िता आयशा खातून का कहना है कि उन्हें इस हद तक परेशान किया गया कि कई बार आत्महत्या का विचार आया और अब अपने ही शहर में जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि निष्पक्ष जांच न हुई तो उनकी जान की जिम्मेदारी नगर शिक्षा अधिकारी पर होगी। इस प्रकरण में शिक्षिका ने कॉल रिकॉर्डिंग, चैट, यूपीआई ट्रांजेक्शन, वीडियो फुटेज और विभागीय दस्तावेज सबूत के रूप में पेश किए हैं।
वहीं खंड शिक्षा अधिकारी गजेन्द्र सिंह ने इन सभी आरोपों को निराधार और बनावटी बताते हुए कहा है कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। दूसरी ओर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कसाना ने कहा कि पूरे मामले की जांच कराकर शासन को भेज दिया गया है, महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पर विशेष ध्यान रहेगा और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
अब बड़ा सवाल यह है कि जब योगीराज में मिशन शक्ति अभियान महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर लगातार प्रचारित किया जा रहा है, तब शिक्षा विभाग के भीतर इस तरह के गंभीर आरोप क्यों उठ रहे हैं। क्या शासन स्तर पर सख्त कार्रवाई होगी और क्या महिला उत्पीड़न तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ पीड़िताओं को वास्तव में न्याय मिलेगा, यही आने वाले समय में तय करेगा
