मेजा खास की रामलीला में ‘धनुष यज्ञ’ लीला का भव्य एवं दिव्य मंचन, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

मेजा खास की रामलीला में ‘धनुष यज्ञ’ लीला का भव्य एवं दिव्य मंचन, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

आदर्श सहारा टाइम्स

मेजा,प्रयागराज । स्थानीय मेजा खास की रामलीला में इस वर्ष धनुष यज्ञ की लीला का मंचन अत्यंत रोचक और दिव्य ढंग से प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। गांव के प्रतिभाशाली कलाकारों ने अपने सशक्त अभिनय से इस पौराणिक प्रसंग को जीवंत कर दिया।
कलाकारों का दमदार प्रदर्शन:
लीला के निर्देशक संजीव सिंह की कुशल अगुवाई में कलाकारों ने सराहनीय प्रदर्शन किया। वरिष्ठ कलाकार राधेश्याम चौरसिया ने अपने अनुभव का परिचय दिया। राजा जनक के किरदार में रामलीला कमेटी उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव और उप-निर्देशक राम सुनील ने अपनी छाप छोड़ी। लक्ष्मण का दमदार रोल निर्देशक संजीव सिंह ने स्वयं निभाया, जबकि सीता के रूप में धीरज मिश्रा ने कोमलता का प्रदर्शन किया।
पेट राजा और करोड़ पतियां के हास्य रोल में संरक्षक तौलन प्रसाद व लाल जी मिश्रा ने दर्शकों को खूब आनंदित किया। वीर रस से परिपूर्ण किरदारों में साधुराजा बालेश्वर सिंह, दुष्टराजा पिंटू सिंह, लंकेश (रावण) के अभिनय में सुधीर गुप्ता और बाणासुर का अभिनय कर रहे बीपी सिंह ने अपनी कला का शानदार प्रदर्शन किया। कोड़ी राजा का अभिनय शुद्ध आदिवासी ने किया, जबकि बन्दी जन के रूप में उप-निर्देशक मनीष श्रीवास्तव ने भूमिका निभाई। अन्य कलाकार मनोज शर्मा, उदयराज पाण्डेय, बब्लू शर्मा, अंकित शाहू, प्रदीप पाल आदि ने भी योगदान दिया।
माननीयों की उपस्थिति:
धनुष यज्ञ की दिव्य लीला के साक्षी बनने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में गंगा प्रसाद मिश्र (प्रमुख प्रतिनिधि) मौजूद रहे। उनके साथ पूर्व प्रमुख जंगीलाल गुप्ता, बब्लू सोनकर, समाज कल्याण अधिकारी सुशांत पाण्डेय, क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि अजय यादव, समाजसेवी पंकज मोदनवाल, दिनेश पटेल, महगू कन्नौजिया, कैलाश नाथ गुप्ता (पूर्व रामलीला कमेटी अध्यक्ष) तथा कमेटी के पदाधिकारी और भारी संख्या में ग्रामवासी भी उपस्थित रहे।
रामलीला कमेटी के अध्यक्ष विक्रम सिंह (बंटी) ने उपस्थित सभी अतिथियों, कलाकारों, पदाधिकारियों और भारी संख्या में पधारे श्रद्धालुओं का हृदय से आभार व्यक्त किया।
मेजा खास की यह रामलीला परंपरा और कला के अद्भुत संगम को दर्शाती है, जहाँ स्थानीय प्रतिभाओं को मंच मिलता है और दर्शक भक्तिभाव से सराबोर होते हैं।

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