श्रीराम कथा के चौथे दिन श्री राम जन्मोत्सव
आदर्श सहारा टाइम्स
मेजा, प्रयागराज। मेजा क्षेत्र स्थित टाई सरैया गांव में 9 दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें वृंदावन से आए कथावाचिका पंडित गौरांगी गौरी जी द्वारा प्रतिदिन अपराह्न दो बजे से संध्या 5 बजे तक कथा वाचन किया जा रहा है। सफलता पूर्वक श्रीराम कथा संपन्न हो इसे लेकर प्रदीप कुमार सिंह द्वारा सारी व्यवस्था की जा रही है। श्रीराम कथा के चौथे दिन मंगलवार को कथा वाचिका द्वारा एवं भक्तों द्वारा भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया गया। साथ ही भगवान के जन्मोत्सव पर बधाई गीतों का गायन किया गया। इस दौरान जन्मोत्सव के बाद भगवान श्रीराम गुरु वशिष्ठ द्वारा नामकरण एवं शिक्षा दीक्षा के साथ समस्त विद्याओं में पारंगत होकर गुरु के साथ वापस अयोध्या आ गए। उसी समय महात्मा विश्वामित्र की समाधि से ज्ञात हुआ कि ब्रह्म श्रीराम मनुष्य रुप लेकर अयोध्या के महाराज दशरथ के घर पुत्र रुप में जन्म लिया है। श्रीराम जगत कल्याण के लिए यज्ञ कर शुभाऊ और मारीच राक्षसों का संघार कर जगत की रक्षा करेंगे। उसी उद्देश्य से राम लक्ष्मण दोना भाईयों को राजा दशरथ से मांगकर राष्ट्र कल्याण के लिए यज्ञ संपन्न कर आगे मिथिला नगर के लिए चल दिए।
भगवान श्रीराम ने अपने उत्कृष्ट आचरण से अखिल विश्व को मानवता, प्रेम तथा पारिवारिक एवं सामाजिक मर्यादा का संदेश दिया। सत्य से विचलित मानवता को युग-युगांतर तक सही मार्ग दिखाता रहेगा रामचरित मानस। प्रखंड के भरपुरा शिवमंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के चौथे दिन राम जन्मोत्सव मनाया गया। इस मौके पर मौजूद श्रद्धालु भगवान श्रीराम सहित चारों भाईयों के जन्म कथा का श्रवण कर झूम उठे। श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या से आए कथा वाचिक गौरांगी गौरी जी ने राम जन्म प्रसंग की ऐसी व्याख्या की कि श्रोता भावविभोर हो उठे।
कथा वाचन के दौरान स्वामी ने कहा कि तीन कल्प में तीन विष्णु का अवतार हुआ है और चौथे कल्प में साक्षात भगवान श्रीराम माता कौशल्या के गर्भ से अवतरित हुए है। श्रीराम जन्म प्रसंग से पूर्व स्वामी ने सती प्रसंग की विस्तार से व्याख्या की। उन्होंने कहा कि एक बार माता सती भगवान शंकर बिन बताए ही माता सीता का रूप धारण कर भगवान राम की परीक्षा लेने चली गई। लेकिन भगवान श्रीराम ने उन्हें पहचान कर पूछ लिया हे माता आप अकेले कहां घूम रही है। जिसे सुन माता सती संकोच में पड़ गई। लेकिन भगवान शंकर ने ध्यान लगाकर सती द्वारा भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने की बातें जान ली। कथा श्रवण करने वालों में मुख्य यजमान गोविंद लाल पटेल व श्रीमती चंद्रकली पटेल उरुवा ब्लॉक प्रमुख पप्पू गौतम प्रतिनिधि भोला गौतम व कार्यक्रम आयोजक प्रदीप कुमार सिंह , सुरेश चंद्र सेठ,भारी संख्या में श्रोतागण आदि मौजूद रहे।
