हाटा जेई और लाइन मैन के लापरवाही से करंट की चपेट में आने से विधुत कर्मी की मौत, मचा सनसनी
आदर्श सहारा टाइम्स
मांडा हाटा, प्रयागराज । हाटा जेई और लाइन मैन के लापरवाही से करंट की चपेट में आने से निजी कर्मी की मौत, मचा सनसनी
मांडा थाना क्षेत्र के दशवार गांव में उपभोक्ता की विद्युत सप्लाई दुरुस्त करने के दौरान करंट की चपेट में आकर पोल से नीचे गिरे जिससे उसकी मौत हो गई। मौत की सूचना घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
मृतक के बेटे की तहरीर पर हाटा उपकेंद्र के जेई और लाइनमैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच में जुटी। थाना क्षेत्र के कोषडा खुर्द गांव निवासी अशोक गौड़ उर्फ कल्लू कुछ साल पहले विद्युत विभाग में बतौर संविदा कर्मी तैनात थे।
निष्कासित होने के बावजूद विद्युत विभाग उनसे मरम्मतीकरण कार्य कराता रहा। इसी कड़ी में सोमवार शाम विद्युत उपकेंद्र हाटा के मेहाजागीर फीडर से जुड़े दशवार गांव में एक उपभोक्ता की विद्युत सप्लाई ठप पड़ गई। शिकायत पर उपकेंद्र पर तैनात संविदा कर्मी ने कल्लू गौड़ को उपभोक्ता की सप्लाई बहाल कराने की जिम्मेदारी सौंपी। निर्देश पर निजी कर्मी कल्लू गौड़ (50) शाम करीब 5:20 बजे दशवार गांव निवासी जहरु के घर सामने लगे विद्युत पोल पर चढ़कर उपभोक्ता का तार जोड़ने लगा।
इसी दौरान वह विद्युत करंट की चपेट में आकर झुलस गया और विद्युत पोल से नीचे पत्थर पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। अनान-फानन में इलाज के लिए घायल को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। हालत नाजुक देख मौजूद डॉक्टर ने शहर के लिए रेफर कर दिया। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में कल्लू गौड़ की मौत हो गई। मौत की सूचना घर पहुंचने पर मृतक की पत्नी सुनीता देवी, बेटा रोशन, आशीष, प्रदीप, बेटी रेनू, शुभम कुमारी का रो-रोकर बुरा हाल रहा।
सूचना पर मांडा थाना प्रभारी माय फोर्स मौके पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए शहर भेज कर जांच पड़ताल में जुटे। मृतक के बेटे रोशन गौड़ ने पुलिस को तहरीर देकर हाटा उपकेंद्र के अवर अभियंता और संविदा कर्मी पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मामले में इंस्पेक्टर मांडा शैलेंद्र सिंह ने कहा कि हाटा विद्युत उपकेंद्र के अवर अभियंता साधुराम और लाइनमैन राजेश शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल में जुटे। ग्रामीणों का भी आरोप है कि हाटा के जेई लाइन मैन का मनमानी चलता है जिससे आए दिन उपभोक्ता परेशान रहते हैं कई बार शिकायत के बावजूद भी उच्च अधिकारी संज्ञान में नहीं लिए जिससे कहीं ना कहीं बहुत बड़ा सवाल खड़ा होता है। अगर समय रहते उच्च अधिकारी मामलों को संज्ञान लेते तो ऐसी घटना नहीं घटती।