मांडा में दबंगों के हौसले बुलंद, राजस्व विभाग की मनमानी से पीड़ित काश्तकार तहसील परिसर में धरने पर बैठा

मांडा में दबंगों के हौसले बुलंद, राजस्व विभाग की मनमानी से पीड़ित काश्तकार तहसील परिसर में धरने पर बैठा

 

आदर्श सहारा टाइम्स

मांडा,प्रयागराज। मांडा में राजस्व विभाग की मनमानी से दबंगों के हौसले बुलंद हैं। ग्राम पंचायत महेवा कला की सरकारी बंजर भूमि संख्या 189 और दिव्यांग काश्तकार की भूमिधरी संख्या 190 पर दबंगों द्वारा तीन दिन से अवैध निर्माण कराया जा रहा है। जबकि महेवा कला गांव निवासी दिव्यांग काश्तकार दिनेश शर्मा ने अपनी भूमिधरी पर अवैध कब्जा किए जाने की संभावना व्यक्त करते हुए एसडीएम मेजा के न्यायालय में बीते दो माह पहले गुहार लगाई थी। गुहार पर बीते पांच जून को एसडीएम मेजा न्यायालय से भूमिधरी 190 पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश भी पारित हुआ है। बावजूद इसके दबंग बीते तीन दिन से विवादित भूमि पर मकान का निर्माण करा रहे है। लागतार फरियाद के बाद सुनवाई नहीं होने पर पीड़ित किसान तहसील परिसर में धरने पर बैठ गया।

एसडीएम के आदेश को दरकिनार कर दबंगों ने शुरू किया निर्माण कार्य

उपजिलाधिकारी मेजा के आदेश को दरकिनार दबंगों ने 13 जून को भूमि संख्या 190 पर पक्का मकान बनाने के लिए नींव खोदनी शुरू कर दी। पीड़ित किसान ने मांडा इंस्पेक्टर के समक्ष एसडीएम मेजा का स्थगन आदेश पत्र प्रस्तुत कर निर्माण कार्य रोकने की गुहार लगाई। मौके पर पहुंची मांडा पुलिस ने निर्माण कार्य रोक दिया। जिसके अगले दिन एक तथाकथित नेता के उकसाने पर दबंगों ने पुनः निर्माण कार्य शुरू कर दिया। पीड़ित ने पुनः मांडा पुलिस से गुहार लगाई और पुलिस ने कार्य बंद करा दिया।

दबंगों के प्रभाव में आकर लेखपाल और कानूनगो ने दी विवादास्पद जांच रिपोर्ट

इसी बीच राजस्व हलका लेखपाल अशोक पांडेय और कानूनगो आद्या प्रसाद ने दबंगों के प्रभाव में वशीभूत होकर एक विवादास्पद जांच रिपोर्ट जारी कर दी। इसी विवादास्पद जांच रिपोर्ट के बल पर गांव के दबंग सड़क, काश्तकार और बंजर भूमि पर जबरन पक्का निर्माण करा रहे हैं। पीड़ित काश्तकार एसडीएम न्यायालय का स्थगन आदेश पत्र हाथ में लेकर दरबदर फरियाद लगा रहा है और स्थानीय पुलिस और राजस्व विभाग मौन रही। फरियादी थकहार कर बुधवार को उपजिलाधिकारी मेजा कार्यालय पर धरने पर बैठ गया है।

*147 वर्ष पुराना कच्चा मकान का दावा कितना सच?*

लेखपाल की विवादास्पद जांच आख्या के मुताबिक गांव की मुख्य सड़क के उत्तरी पटरी पर काश्तकार की भूमि 190 मौजूद है। उक्त भूमि के उत्तरी मेड़ से जुड़ी बंजर भूमि पर दबंग छांगुर निषाद पुत्र पन्ना लाल निषाद का खपरैल नुमा मकान काफी अर्से से बना हुआ था। वह भी भारत के संविधान लागू होने से पहले यानी वर्ष 1878 से। उसी कच्चे मकान को गिराकर दबंग नया निर्माण कर रहा है। कितना हास्यास्पद है कि 147 वर्ष पुराना कच्चा मकान बने होने की बात को कौन तस्दीक कर सकता है। इतना ही नही उस समय पट्टा किसने किया।

राजस्व विभाग के अभिलेख में क्या है दर्ज?

दूसरी तरफ राजस्व विभाग के ऑनलाइन और ऑफलाइन अभिलेख पर गौर करें तो गांव के मुख्य सड़क की कुल चौड़ाई करीब 64 फीट है, इसके आंशिक भाग में 10 फीट की काली सड़क बनी हुई है। सड़क के उत्तर काश्तकार की भूमि है जिसकी चौड़ाई करीब 20 फीट है। इसके बाद बंजर भूमि शुरू होती है। जबकि दबंग काली सड़क से मात्र 16 फीट की दूरी पर ही पक्का मकान का निर्माण करा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *