कौशाम्बी में सरकारी तंत्र फेल: बारिश ने छीना सहारा, मां-बेटी की मौत; योजनाओं के लाभ से वंचित था परिवार

कौशाम्बी में सरकारी तंत्र फेल: बारिश ने छीना सहारा, मां-बेटी की मौत; योजनाओं के लाभ से वंचित था परिवार

 

आदर्श सहारा टाइम्स

 

कौशाम्बी।  मंझनपुर थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव में रविवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश ने एक परिवार पर ऐसा कहर बरपाया कि सरकारी दावों और योजनाओं की हकीकत सामने आ गई। तेज बारिश के कारण एक गरीब परिवार का कच्चा मकान ढह गया, जिसमें दबकर एक महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई, जबकि एक अन्य बेटी जिंदगी और मौत से जूझ रही है। इस हृदय विदारक घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गरीबों के लिए चलाई जा रही आवास योजनाओं का लाभ ज़रूरतमंदों तक पहुँचने में विफल रहा है।

आज सुबह लगभग 9 बजे जब पूरा गाँव बारिश से बचने के लिए अपने घरों में था, तभी महाराजदीन रैदास का कच्चा और जर्जर मकान भरभराकर गिर गया। मकान ढहने के बाद अंदर सो रही उनकी पत्नी प्रेमा देवी (55 वर्ष), और दो बेटियां साधना (19 वर्ष) और आराधना (17 वर्ष) मलबे में दब गईं। चीख-पुकार सुनकर दौड़े पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और बचाव अभियान शुरू किया।

कड़ी मशक्कत के बाद तीनों को बाहर निकाला गया और 108 एम्बुलेंस से उन्हें तत्काल जिला अस्पताल मंझनपुर ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान प्रेमा देवी और साधना ने दम तोड़ दिया। आराधना की हालत नाजुक बनी हुई है।

इस घटना के बाद से गाँव में शोक का माहौल भी है। ग्रामीणों ने बताया कि महाराजदीन का परिवार बेहद गरीब है और पिछले कई सालों से पक्के मकान के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ पाने की कोशिश कर रहा था।

गाँव के प्रधान और अन्य अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन देकर टाल दिया गया। एक ग्रामीण ने बताया, “अगर आज उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना या मुख्यमंत्री आवास योजना , दोनो में से अगर किसी एक योजना का लाभ मिला होता, तो शायद यह हादसा नहीं होता।” यह सिर्फ महाराजदीन के परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि गाँव में ऐसे कई परिवार हैं, जो आज भी कच्चे और असुरक्षित मकानों में रहने को मजबूर हैं।

इस घटना ने स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों कागजों पर चलने वाली योजनाएं जमीन पर नहीं उतर पा रही हैं। इस मामले में पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और अपर पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी ने इस घटना पर बयान दिया है, जिसकी वीडियो बाइट भी उपलब्ध है। हालांकि, ग्रामीणों और राजनीतिक दलों का मानना है कि केवल कानूनी कार्रवाई पर्याप्त नहीं है, बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

अब देखना यह होगा कि इस दर्दनाक हादसे के बाद क्या प्रशासन नींद से जागेगा और अन्य ज़रूरतमंद परिवारों को योजनाओं का लाभ मिल पाएगा या फिर यह घटना भी सरकारी फाइलों में दबकर रह जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *