हजारों की भीड़ संग कोतवाली पहुंचा 50 हजार का इनामी मोनू पांडेय, सरेंडर का नजारा बना चर्चा का केंद्र
आदर्श सहारा टाइम्स
कौशांबी। जिले के चर्चित चेहरों में शुमार 50 हजार का इनामी मोनू पांडेय मंगलवार को सराय अकिल कोतवाली में आत्मसमर्पण करने पहुंचा। उसके आते ही पूरा इलाका सैलाब में बदल गया। बस स्टॉप से लेकर कोतवाली तक सड़कें मानो भीड़ के कब्जे में थीं। हर तरफ सिर्फ चर्चा – “मोनू आया है” की गूंज सुनाई दे रही थी।
कोतवाली परिसर का माहौल रणभूमि जैसा हो गया। चारों ओर पुलिस की कड़ी सुरक्षा और बीच में हजारों ग्रामीणों का हुजूम… आत्मसमर्पण का ऐसा नजारा शायद ही पहले कभी देखा गया हो।
11 अगस्त की घटना ने हिला दिया था जिला
11 अगस्त को कोटिया गांव के कुण्डारी में जमीन कब्जे को लेकर ग्राम प्रधान राजेश कुमार पाल और धर्मेंद्र पांडेय पक्ष के बीच भिड़ंत हुई थी। लाठी-डंडे चले, फायरिंग हुई और गांव दहशत में डूब गया। इस मामले में मोनू पांडेय और उसका भाई धर्मेंद्र मुख्य आरोपी बनाए गए। घटना के बाद दोनों फरार हो गए।
पुलिस ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम रखा, जिसे बढ़ाकर दो दिन पहले आईजी ने 50-50 हजार कर दिया। इनामी राशि और बढ़ते दबाव के बीच आखिरकार मोनू ने आत्मसमर्पण का रास्ता चुना।
आत्मसमर्पण से पहले का जुलूस
मंगलवार को जैसे ही मोनू पांडेय सराय अकिल पहुंचा, भीड़ उसके पीछे-पीछे चल पड़ी। बस स्टॉप से कोतवाली तक मानो जुलूस सा निकल पड़ा। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग तक दीदार करने उमड़ पड़े। कोतवाली के बाहर आलम यह था कि छतों और दीवारों पर खड़े लोग मोबाइल कैमरों से हर लम्हे को कैद कर रहे थे।
पुलिस दबाव और भीड़ का भौकाल
पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से भारी फोर्स तैनात किया था। बावजूद इसके भीड़ का रेला कोतवाली तक उमड़ा और घंटों तक कोतवाली परिसर के बाहर भीड़ का शोरगुल बना रहा। ग्रामीणों की मानें तो मोनू का आत्मसमर्पण अपराध का अंत नहीं बल्कि भौकाल का प्रदर्शन बन गया।
