हाईकोर्ट से बड़ी राहत : कौशाम्बी के कोटिया–कुण्डारी भूमि विवाद फायरिंग कांड में धर्मेंद्र पांडेय की गिरफ्तारी पर रोक

हाईकोर्ट से बड़ी राहत : कौशाम्बी के कोटिया–कुण्डारी भूमि विवाद फायरिंग कांड में धर्मेंद्र पांडेय की गिरफ्तारी पर रोक

 

आदर्श सहारा टाइम्स

कौशाम्बी। सराय अकिल थाना क्षेत्र के चर्चित कोटिया–कुण्डारी भूमि विवाद फायरिंग कांड में मंगलवार को बड़ा मोड़ आया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य अभियुक्त धर्मेंद्र पांडेय को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद पूरे इलाके में मामले की फिर से जोरदार चर्चा शुरू हो गई है।

कोर्ट की कार्यवाही

धर्मेंद्र पांडेय की ओर से दाखिल क्रिमिनल मिस्क. रिट याचिका संख्या 18588/2025 पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता की दलील थी कि एफआईआर में उनका नाम पड़ोसियों की रंजिश और राजनीतिक दबाव के चलते जोड़ा गया है। साथ ही यह भी कहा गया कि घटना में न तो किसी पुलिसकर्मी और न ही किसी पक्षकार को चोट पहुंची।

कोर्ट ने पूरे मामले को विचारणीय मानते हुए तीन सप्ताह में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। तब तक धर्मेंद्र पांडेय की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि पांडेय को जांच में सहयोग करना होगा, अन्यथा पुलिस कोर्ट से गिरफ्तारी की अनुमति मांग सकती है।

इनामी घोषित थे दोनों भाई

गौरतलब है कि इस मामले में धर्मेंद्र पांडेय और उनके भाई मोनू पांडेय मुख्य आरोपी बनाए गए थे। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। पुलिस की लगातार दबिश के बावजूद दोनों फरार चल रहे थे। हाल ही में मोनू पांडेय ने आत्मसमर्पण कर दिया था, जबकि अब धर्मेंद्र पांडेय को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

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