चायल तहसील में लेखपाल की मनमानी – गरीब छात्रों का भविष्य दांव पर, जिलाधिकारी से कार्रवाई की गुहार

चायल तहसील में लेखपाल की मनमानी – गरीब छात्रों का भविष्य दांव पर, जिलाधिकारी से कार्रवाई की गुहार

 

आदर्श सहारा टाइम्स

कौशांबी। चायल तहसील में तैनात लेखपाल संदीप पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगे हैं। विद्यार्थियों ने कहा है कि वह मनमानी ढंग से आय और जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर रहे हैं, जिससे छात्रवृत्ति पाने वाले सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। छात्रों का कहना है कि उन्होंने आय, जाति और निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। *लेखपाल ने निवास प्रमाणपत्र तो जारी कर* दिया लेकिन जाति प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया। निरस्तीकरण का कारण “आधार अपठनीय” दर्शाया गया। बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब आधार सचमुच अपठनीय था, तो निवास प्रमाणपत्र किस आधार पर जारी कर दिया गया? यह साफ-साफ भ्रष्टाचार, मनमानी और पक्षपात की बू देता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लेखपाल संदीप का विवादों से पुराना और गहरा रिश्ता है। उनकी कार्यशैली पर आए दिन सवाल उठते रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की चुप्पी ने उनके हौसले बुलंद कर दिए हैं। इस बार उनके निशाने पर गरीब और मेधावी छात्र आ गए हैं, जो छात्रवृत्ति के लिए जाति प्रमाणपत्र न मिलने से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। जिलाधिकारी से शिकायत पीड़ित विद्यार्थियों ने इस मामले की शिकायत IGRS पोर्टल के माध्यम से जिलाधिकारी कौशांबी से की है और लेखपाल के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक इस तरह के भ्रष्ट और मनमानी करने वाले कर्मचारियों पर लगाम नहीं लगेगी, तब तक गरीब छात्रों का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता। *अब देखना यह होगा कि जिलाधिकारी इस मामले में क्या सख्त कदम उठाते हैं या फिर लेखपाल की मनमानी पर चुप्पी साधे रहते हैं।*

*जनसंदेश टाइम्स हिंदी दैनिक समाचार पत्र चायल कौशाम्बी*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *