मेहनत-मजदूरी कर घर संभालने वाला कुल्ला अब नहीं रहा: किलनहाई नदी में डूबकर गई जान, मां का सहारा टूटा – छोटे भाइयों के सिर से उठा साया

मेहनत-मजदूरी कर घर संभालने वाला कुल्ला अब नहीं रहा: किलनहाई नदी में डूबकर गई जान, मां का सहारा टूटा – छोटे भाइयों के सिर से उठा साया

 

आदर्श सहारा टाइम्स

कौशांबी। सराय अकिल के अकबराबाद गुहौली गांव में गरीबी और जिम्मेदारियों का बोझ उठाकर परिवार का सहारा बने 20 वर्षीय कुल्ला की जिंदगी किलनहाई नदी की लहरों में समा गई। शुक्रवार को डूबे कुल्ला का शव शनिवार सुबह SDRF की टीम ने बरामद किया। शव मिलते ही गांव में मातम छा गया। मां बार-बार बेटे को देख बेहोश हो रही है। छोटे भाई अमरजीत और सोनू का भी रो-रोकर बुरा हाल है।

पिता के निधन के बाद उठा ली थी परिवार की जिम्मेदारी

सरायअकिल क्षेत्र के अकबराबाद गुहौली गांव निवासी कुल्ला चार भाइयों में दूसरे नंबर का था। बड़े भाई की शादी हो चुकी है और वह अलग रहता है। पिता की मौत के बाद कुल्ला ही अपनी मां और छोटे भाइयों की जिम्मेदारी उठा रहा था। खेतों में मजदूरी और मेहनत-मजदूरी करके वह मां और भाइयों का पेट पालता था।

खेत से लौटते वक्त हादसा

शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे कुल्ला अपने साथी के साथ खेतों में खाद डालने गया था। दोपहर करीब 12 बजे काम खत्म कर वह हिमांचल का पुरवा गांव से वापस लौट रहा था। जैसे ही किलनहाई नदी को पार करने लगा तो बीच धारा में गहराई ज्यादा होने से वह डूब गया। साथी ने बचाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।

रातभर तलाश, सुबह मिला शव

ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। फायर ब्रिगेड ने भी शाम तक कांबिंग की, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद शनिवार सुबह SDRF की टीम ने नदी से शव बाहर निकाला। शव मिलते ही गांव में चीख-पुकार मच गई।

मां की आंखों का तारा बुझा

परिजनों का रो-रोकर हाल बेहाल है। मां अपने बेटे के शव को सीने से लगाकर बार-बार बेहोश हो जा रही है। गांव में हर किसी की जुबान पर यही है कि कुल्ला मेहनती, सीधा-सादा और अपने परिवार का सहारा था। उसकी मौत ने मां और भाइयों की पूरी दुनिया उजाड़ दी है। थाना प्रभारी आशुतोष सिंह ने बताया कि शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

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