कौशांबी में न्यायालय के आदेश की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां

कौशांबी में न्यायालय के आदेश की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां,

थानाध्यक्ष व लेखपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप

स्थगन आदेश के बावजूद निर्माण कार्य जारी, पीड़ित पक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

 

आदर्श सहारा टाइम्स

कौशांबी। जिले में जमीनी विवाद अब केवल कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि खूनी संघर्ष का रूप लेते जा रहे हैं। ताजा मामला सिविल न्यायालय (सीनियर डिवीजन) से जुड़ा है, जहां न्यायालय द्वारा पारित स्थगन आदेश को सीओ सिराथू ने भी स्पष्ट रूप से लागू करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद क्षेत्रीय थानाध्यक्ष और लेखपाल पर पीड़ित पक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दोनों ने मोटी रकम लेकर निर्माण कार्य शुरू करा दिया।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी खुलेआम मनमानी कर रहे हैं। थानाध्यक्ष और लेखपाल की मिलीभगत से न केवल कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है, बल्कि न्यायालय की अवमानना भी की जा रही है। इस मामले ने जिले की प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। पहले से ही संवेदनशील माने जाने वाले भूमि विवादों में अब अधिकारी ही पक्षपात करते नजर आ रहे हैं। पीड़ित पक्ष ने डीएम व एसपी से न्यायालय के आदेश का सख्ती से अनुपालन कराने और दोषी थानाध्यक्ष व लेखपाल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। कौशांबी जिले में भूमि विवाद अब आए दिन हिंसा और हत्या की घटनाओं में तब्दील हो रहे हैं। बीते महीनों में कई खूनी झड़पें हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान गई है। बावजूद इसके प्रशासनिक तंत्र की निष्क्रियता हालात को और विस्फोटक बना रही है। इस मामले ने एक बार फिर दिखा दिया है कि जिले में कानून और व्यवस्था को ताक पर रखकर पैसे और पहुंच की राजनीति खेली जा रही है। सवाल यह है कि जब न्यायालय के आदेशों की भी खुलेआम अवहेलना होगी, तो आम आदमी को न्याय कौन दिलाएगा?
पुरा ममला कड़ा धाम थाना क्षेत्र का है।

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