मेजा क्षेत्र में ना डॉक्टर ना रजिस्ट्रेशन फिर भी जगह-जगह पर खुले हैं पाली क्लीनिक और अस्पताल अल्ट्रासाउंड,स्वास्थ्य विभाग मौन
आदर्श सहारा टाइम्स
मेजा, प्रयागराज। मेजा क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्टाचार के चलते बिना डॉक्टर के और बिना रजिस्ट्रेशन के जगह-जगह पर पाली क्लीनिक और अस्पताल अल्ट्रासाउंड खुल गए हैं जहां मरीजों का इलाज तो कम होता है बल्कि इलाज के नाम पर उनके जेब में डाका डाला जाता है कथित डॉक्टर यमराज और डकैत बन गए हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग उसके बाद उनके ऊपर मेहरबान है इसी तरह के मेजा क्षेत्र अंतर्गत मेजारोड, मेजा, सिरसा,रामनगर, उरुवा ,दिघिया,मांडा, कोरांव बाजार , ऊंचडीह बाजार,में ना डॉक्टर है ना रजिस्ट्रेशन है ना अनुभव है फिर भी मरीज भर्ती किए जाते हैं। अल्ट्रासाउंड किया जा रहा है इलाज में लगातार मौत हो रही है लेकिन उसके बाद दोषी पर कार्यवाही नहीं होती यह प्रयागराज जिले के यमुनापार की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल है पूरे प्रयागराज जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नर्क बना कर रख दिया है गली-गली कुकुरमुत्ता की तरह अनपढ़ गवार लोगों ने कथित डॉक्टर बनकर अस्पताल खोलकर इलाज के नाम पर लूट मचा रखी है विभाग के लोग केवल वसूली तक सीमित रह गए हैं जिससे मरीज परेशान हो गए हैं । मेजा क्षेत्र के रामनगर में सीज होने के बाद भी अस्पताल चल रहा है रजिस्ट्रेशन नहीं है योग्य डॉक्टर नहीं है लेकिन फिर भी अस्पताल पर कार्रवाई नहीं होती। मेजा क्षेत्र में नियम विरुद्ध तरीके से चल रहे दर्जनों अस्पतालों पर सीएमओ खुद मेहरबान है नोटिस देने के बाद वर्षों बीत गए लेकिन दूसरी जगह पर अस्पताल नहीं शिफ्टिंग की गई तमाम अस्पताल ऐसे हैं जो मानक नहीं पूरा करते हैं लेकिन फिर भी अस्पताल संचालक पर कार्यवाही नहीं होती है 10 वर्षों के दौरान प्रयागराज जिला यमुनापार क्षेत्र में अस्पताल के आसपास चलने वाले अस्पताल संचालकों ने बीस बीस करोड़ से अधिक की दौलत एकत्रित कर ली है यदि यह यमराज नहीं थे डकैती नहीं थे तो 10 वर्षों के बीच 20 करोड़ की दौलत कहां से इन अस्पताल संचालकों ने एकत्रित की है यह जांच का विषय है गलत तरीके से धन अर्जित करने के बाद पुलिस महकमे ने भी इन डॉक्टरों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट 14 एक के तहत संपत्ति जाप्तीकरण को कार्यवाही नहीं की है जिला अस्पताल से एक किलोमीटर दूर तक अस्पताल न खोलने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए जाने के बाद भी सरकार के निर्देशों का पालन मुख्य चिकित्सा अधिकारी नहीं करवा पा रहे हैं जिससे उनकी लचर व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है आखिर क्या कारण है कि शासन सरकार के निर्देश का पालन सीएमओ नहीं कर पा रहे हैं उनके ऊपर किसका दबाव है या फिर लक्ष्मी के दबाव के चलते सीएमओ गलत अस्पतालों पर कार्यवाही ना करके मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने की छूट अस्पताल संचालकों को दे रहे हैं। अब देखना है योगी सरकार स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारीयों के उपर क्या कार्रवाई करती है।
