कोठरी ,छतवा, सिरसा घाट पर  पिंडदान और तर्पण कर गंगा में स्नान कर लोगों ने पूर्वजों को किया नमन

कोठरी ,छतवा, सिरसा घाट पर  पिंडदान और तर्पण कर गंगा में स्नान कर लोगों ने पूर्वजों को किया नमन

आदर्श सहारा टाइम्स

मेजा ,प्रयागराज।मेजा में पिंडदान और तर्पण कर गंगा में स्नान कर लोगों ने पूर्वजों को किया नमन
पितृपक्ष रविवार को लोगों ने गंगा घाटों पर स्नान कर पिंडदान और अपने पितरों का तर्पण किया। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में पितर पृथ्वी पर आ जाते हैं। ऐसे में परिजनों की ओर से उन्हें पिंडदान और तर्पण कर तृप्त किया जाता है। अपने वंशजों से पिंड प्राप्त करने के बाद पितर तृप्त होकर स्वर्गलोग को चले जाते हैं। इसके तहत जिले भर में गंगा घाट सहित स्वच्छ स्थानों तथा घरों में लोगों की ओर से पिंडदान करने का क्रम शुरू हो गया है। एक पखवारे के बीच पड़ने वाली तिथि पर लोग इस कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।
हिंदू धर्म में पितृपक्ष का बहुत महत्व है। इसमें पितरों को पिंडदान तथा तर्पण किया जाता है। इसे लेकर गंगा घाटों सिरसा, छतवा, कोठरी,जेरा,परवा,नरवरचौकठा,पर भीड़ बढ़ गई है। आज लोग अपने पितरों को पिंडदान करने के लिए पंडित और पुरोहित के साथ गंगा घाटों पर पहुंचकर पिंडदान कर रहे हैं । गंगा स्नान करने के बाद लोगों ने खोवा आदि का पिंड बनाकर मंत्रोच्चार के बीच पितरों का आह्वान किया। इसके बाद पिंडदान कर उनसे तृप्त होने की आशा के साथ आशिर्वाद मांगा।
पिंडदान के बाद कौवा, गाय तथा कुत्ता आदि के लिए घर से ग्रास निकाल कर उन्हें खिलाया है। ऐसी मान्यता है कि पितर लोग किसी भी जीव के रुप में आ सकते हैं। इसके बाद पंडित जी को भोजन कराकर धन, वस्त्रादि दान दिया गया। इस दिन घर में भी चावल, कढ़ी समेत खास व्यंजन बनाए गए।
शनिवार से शुरू हुआ पितृपक्ष लगातार पंद्रह दिनों तक चलेगा। इन दिनों में लोग नया काम करने अथवा नयी वस्तु खरीदने या उपयोग करने से भी परहेज करते हैं। घरों में भी शुद्ध और सात्विक भोजन बनाकर अपने पूर्वजों को खिलाकर हवन पूजन कर किया जाता है।

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