दिघिया गांव में मातृत्व की मिसाल, सैकड़ों महिलाओं ने रखा जितिया व्रत
आदर्श सहारा टाइम्स
दिघिया,प्रयागराज। मांडा क्षेत्र के दिघिया गांव में रविवार को जितिया व्रत के पावन अवसर पर महिलाओं ने सामूहिक आस्था और मातृत्व प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की। गांव की सैकड़ों माताओं ने अपने पुत्रों की लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हुए निर्जला उपवास कर जीवित्पुत्रिका माता की पूजा-अर्चना की।
महिलाएं पारंपरिक वस्त्रों में सजी-धजी पूजा स्थल पर एकत्र हुईं, जहां सामूहिक रूप से व्रत कथा का श्रवण किया गया और आरती सम्पन्न हुई। पूरे पूजा स्थल को विशेष रूप से साफ सफाई स्वच्छ कराया गया था, जिससे वातावरण पूरी तरह भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत हो गया।
इस अवसर पर बुजुर्ग महिलाओं ने नवविवाहितों और युवतियों को इस व्रत की धार्मिक महत्ता और पारंपरिक मूल्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि जितिया व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह मातृत्व की आस्था, त्याग और प्रेम का प्रतीक है, जो पीढ़ियों से महिलाओं के संस्कारों का हिस्सा रहा है।
कार्यक्रम में सामाजिक समरसता का भी सुंदर उदाहरण देखने को मिला। गांव के अमित भयंकर मोहित निषाद, विक्रम निषाद, रमेश निषाद, आकाश सोनकर, शेसमणि निषाद और गौरीशंकर निषाद ने आयोजन स्थल की साफ-सफाई और व्यवस्थापन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके सहयोग से संपूर्ण कार्यक्रम शांतिपूर्ण और अनुशासित ढंग से संपन्न हुआ।
गांववासियों ने बताया कि यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है और हर साल इसमें नई पीढ़ी की महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है। यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक आस्था को दर्शाता है, बल्कि सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का भी प्रतीक बन चुका है।
व्रत का पारण अगले दिन निर्धारित समय पर फलाहार के साथ किया जाएगा।
