राम कथा में दूसरे दिन शिव-पार्वती विवाह का आयोजन किया गया

राम कथा में दूसरे दिन शिव-पार्वती विवाह का आयोजन किया गया

श्री राम कथा टाई सरैया गांव में के दूसरे दिन शिव पार्वती विवाह प्रसंग सुनाया

आदर्श सहारा टाइम्स

मेजा, प्रयागराज। उरुवा ब्लॉक क्षेत्र टाई सरैया गांव में रामकथा के दूसरे दिन कथा वाचिका गौरांगी गौरी जी ने शिव पार्वती के विवाह का प्रसंग सुनाया। माता सती के त्याग का वर्णन करते हुए कहा कि शिवजी माता सती का त्याग करते हुए तपस्या में लीन हो गये और 87 हजार साल लगातार तपस्या में लीन रहे।
कथा वाचक गौतम कृष्ण महाराज ने कहा कि शिव पार्वती कथा जीवन की व्यथा को समाप्त कर देती है। आज हजारों साल बाद माता सती भोलेनाथ के सम्मुख बैठी हैं और भगवान शिव ने उनको क्षमा कर दिया। कामदेव ने देवताओं तथा जगत कल्याण के लिए शिवजी पर अपने पुष्प बाण से घात किया। शिवजी का नेत्र खुलते ही कामदेव भस्म हो गए तब देवताओं की प्रार्थना पर देवाधिदेव महादेव महाराज हिमांचल की कन्या पार्वती से विवाह को तैयार हो गए। जब शिव की बारात हिमालय पर जाने के लिए तैयार हुई तो समस्त देवता भी बारात के साथ निकल पड़े। शिव अपने गणों के साथ नंदी पर सवार होकर महाराज हिमाचल के द्वार पर पहुंचते हैं। शिवगणों को देखकर महारानी मैना डर जाती हैं और पार्वती को पकड़कर रोने लगती हैं। तभी नारद जी प्रकट होते हैं और शिव और पार्वती के पूर्व जन्म की कथा का वर्णन करते हैं। इससे महारानी मैना का संताप दूर होता है और बड़ी धूमधाम से शिव और पार्वती का विवाह संपन्न होता है। विवाह प्रसंग के दौरान कथा पंडाल में बम बम भोले, हर हर महादेव का जयघोष गूंजता रहा। दूसरे दिन राम कथा में शिव-पार्वती विवाह का आयोजन किया गया, जिसमें भक्त भावविभोर हो गए और भजनों पर झूमे। श्री राम कथा में कथा वाचिका गौरांगी गौरी जी ने शिव-पार्वती के विवाह प्रसंग का वर्णन किया।
भजनों के माध्यम से शिव-पार्वती के विवाह का जीवंत चित्रण किया, जिससे श्रोता भक्ति रस में डूब गए और झूमने लगे। विवाह का वर्णन: कथाओं में शिव-पार्वती के विवाह से जुड़ी कथाओं और उनके दिव्य विवाह की झांकी का वर्णन किया गया। कथा श्रवण करने वालों में मुख्य यजमान गोविंद लाल पटेल व श्रीमती चंद्रकली पटेल उरुवा ब्लॉक प्रमुख पप्पू गौतम प्रतिनिधि भोला गौतम व कार्यक्रम आयोजक प्रदीप कुमार सिंह , सुरेश चंद्र सेठ,भारी संख्या में श्रोतागण आदि मौजूद रहे।

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