जब बंदूकें बोलीं और कानून गरजा – कौशांबी की उस रात, जहां अंधेरा लुटेरों का हथियार था और पुलिस की वर्दी उम्मीद की रोशनी
आदर्श सहारा टाइम्स
कौशांबी। हर लुटेरे को लगता है कि रात उसकी रखवाली करती है… लेकिन पिपरी की उस रात, अंधेरा भी डर के मारे कांप गया — क्योंकि वहां गूंज रही थी पुलिस की वर्दी में छुपी ईमानदारी की गरज, और दौड़ रहे थे वे कदम जो सिर्फ न्याय की राह पर चलते हैं।
शुक्रवार आधी रात, जब पूरा गांव थकान की गोद में था, तभी कुमियावा गांव से एक दर्दभरी खबर आई — “एक किराना दुकानदार को लूट लिया गया है। दो बदमाश बाइक से पिपरी की तरफ भागे हैं।”
*रात नहीं थी शांत – वो तो तूफान से पहले की ख़ामोशी थी*
सूचना मिलते ही पिपरी के जांबाज़ थानाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह, बिना एक पल गंवाए अपनी टीम के साथ निकल पड़े। उधर महेवाघाट से भी थानाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे। और उस अंधेरी सड़क पर — लोधौर-रसूलपुर ब्यूर मार्ग पर — तैनात हो गया वर्दीधारी इरादों का मजबूत घेरा।कुछ ही देर में एक बाइक तेज़ी से आती दिखी। इशारा किया गया रुकने को, लेकिन जवाब में आई गोलियों की बौछार। बदमाशों को लगा – “अब बच निकलेंगे”। लेकिन इस बार सामने थे वो लोग, जो वर्दी पहनकर वक़्त से तेज़ सोचते हैं।
*गोली चली, इंजन रुका, और भागती सांसों के बीच क़ानून ने पकड़ लिया वक्त*
भागते बदमाशों में से एक ने दोबारा जानलेवा फायर किया — लेकिन पुलिस ने आत्मरक्षा में जो जवाब दिया, वो सीधा धनराज पुत्र नंदलाल की टांग में जा धंसा। बाइक लुढ़की, बदमाश गिरा, और अगले ही पल पुलिस की गिरफ्त में आ गया। दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला — लेकिन पुलिस अब उसकी सांसों की लय तक पहचान चुकी है।
*जब सच बहा पसीने में…*
पकड़े गए बदमाश ने कबूला – “मैंने और मेरे मामा के लड़के ने मिलकर लूट की।” “बाइक मंझनपुर से चुराई थी।” “मखऊपुर तिराहे से महिला का मंगलसूत्र भी छीना था।” घायल बदमाश को इलाज के लिए तत्काल मंझनपुर जिला चिकित्सालय भेजा गया। मौके पर पहुंची फील्ड यूनिट टीम ने साक्ष्य संकलित किए। और अब फरार अभियुक्त की तलाश में इलाके की नाकेबंदी की जा रही है।
*एसपी राजेश कुमार – कौशांबी के कानून की कमान और अपराधियों के लिए तूफान*
इस ऑपरेशन पर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा – “हमारे जिले में कानून सिर्फ किताबों में नहीं, सड़कों पर चलता है। पिपरी पुलिस ने जो तेजी, बुद्धिमत्ता और साहस दिखाया, वो मिसाल है। अपराधियों को चेतावनी है – अब रास्ते बंद हैं।”
