मंझनपुर के पत्रकारों ने एकजुट होकर किया मंथन, पत्रकार हितों पर हुई अहम चर्चा
आदर्श सहारा टाइम्स
कौशांबी। पत्रकारिता जगत में आपसी सामंजस्य और हितों की रक्षा के लिए एकजुटता कितनी महत्वपूर्ण है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण रविवार को मंझनपुर तहसील के पश्चिम शरीरा में देखने को मिला मंझनपुर तहसील मंझनपुर के पत्रकारों ने पश्चिम शरीरा स्थित एक गेस्ट हाउस में एक बैठक का आयोजन किया. इस बैठक में बड़ी संख्या में तहसील क्षेत्र व स्थानीय पत्रकार एकत्रित हुए और पत्रकारिता के बदलते परिवेश में अपने हितों की सुरक्षा तथा पेशे की गरिमा बनाए रखने पर गहन विचार-विमर्श किया.बैठक का मुख्य उद्देश्य पत्रकारों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर प्रकाश डालना और उनके समाधान के लिए सामूहिक रणनीति तैयार करना था. इस दौरान पत्रकारों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे उन्हें रिपोर्टिंग के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. चर्चा के दौरान पत्रकारों की सुरक्षा, उन्हें कार्यस्थल पर मिलने वाली सुविधाओं और निष्पक्ष पत्रकारिता के सामने खड़ी चुनौतियों जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया.उपस्थित पत्रकारों ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारिता एक ऐसा पेशा है, जिसमें समाज के प्रति अत्यधिक जिम्मेदारी होती है. ऐसे में, पत्रकारों को अपने अधिकारों और सुरक्षा के प्रति भी सजग रहना चाहिए. बैठक में पत्रकारों के लिए एक मज़बूत संगठन बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया, जो उनके हितों की वकालत कर सके और किसी भी प्रकार के उत्पीड़न या अन्याय के खिलाफ खड़ा हो सके. यह भी तय किया गया कि भविष्य में ऐसी बैठके नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी ताकि पत्रकार आपस में जुड़े रहें और एक-दूसरे का सहयोग कर सकें इस बैठक को मंझनपुर के पत्रकारों की एकजुटता का प्रतीक माना जा रहा है. यह दर्शाता है कि पत्रकार अब सिर्फ़ खबरें दिखाने तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि अपने अधिकारों और पेशे की गरिमा के लिए भी आवाज़ उठाने को तैयार हैं.बैठक में संगठन के अध्यक्ष कमलेश गौतम, मनोज सिंह, शैलेन्द्र मौर्या सचिदानंद मिश्रा, गणेश अग्रहरि, इरफान अहमद, बजरंगी लाल,शिवा यादव,जैगम रिजवी, गणेश बर्मा,डा सुरेश गुप्ता, ज्ञान सिंह यादव, मोहम्मद हारून, नितिन सिंह, दिलीप यादव, शैलेन्द्र सिंह,अनिल श्रीवास्तव नटराज, हंसराज राजपूत करन सिंह यादव राजू पांडेय, कमलेश दिवाकर, महेंद्र तिवारी मुन्नूलाल,सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे ।
