रात भर हुई बारिश से किसानों खेतों में तैयार खड़ी और कटाई के बाद रखी हुई धान, तिल्ली और बाजरे की फसलें पूरी तरह से बर्बाद ,किसानों के लिए दोहरी मार साबित हुई
मोंथा तूफान का जबरदस्त असर
आदर्श सहारा टाइम्स
उरुवा ,प्रयागराज । मेजा क्षेत्र में रात भर हुई मूसलाधार बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। यह बारिश किसानों के लिए दोहरी मार साबित हुई है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही वे बाढ़ के कहर से उबरे थे। अब खेतों में तैयार खड़ी और कटाई के बाद रखी हुई धान, तिल्ली और बाजरे की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं।
फसलों को भारी नुकसान
मेजा और उसके आसपास के गांवों जैसे अमिलिया लेहड़ी, कुर्की ,मेजिया, और जरार ,लोटाढ में किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
कई किसानों ने अपनी मेहनत से उगाई धान की फसल काटकर खेतों या खलिहानों में रखी थी। रात भर की बारिश से ये फसलें पानी में डूब गईं और अब सड़ने लगी हैं।
लगातार नमी और जलभराव के कारण किसान अब रबी की फसल जैसे आलू, मटर और सरसों की बुवाई भी नहीं कर पा रहे हैं। इससे आने वाले समय में आर्थिक संकट और गहराने की आशंका है।
धान के साथ-साथ पुआल भी खराब हो गया है, जिससे पशुओं के चारे का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
किसानों की चार महीने की कड़ी मेहनत बर्बाद हो जाने से वे गहरे सदमे में हैं। कुछ किसानों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर खेती की थी, जिसे अब चुकाना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि धान की फसल खराब होने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है।
प्रभावित किसानों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पिछले कई दिनों से हो रहे नुकसान के बावजूद अभी तक किसी सरकारी अधिकारी ने मौके का मुआयना नहीं किया है। किसानों ने प्रशासन से जल्द से जल्द फसल क्षति का आकलन कर उचित मुआवजा देने की मांग की है, ताकि वे इस संकट से उबर सकें।
बारिश से केवल फसलें ही नहीं, बल्कि आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। सड़कों और गलियों में जलभराव के कारण लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है। निचली बस्तियों के घरों में पानी घुस जाने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार बारिश से मौसम भी सर्द हो गया है।
किसानों और ग्रामीणों की उम्मीदें पूरी तरह से खत्म हो चुकी हैं, और वे अब सरकारी मदद की आस लगाए बैठे हैं
