कौशांबी में खौफनाक साजिश का पर्दाफाश
पत्नी ने रची पूरे परिवार की हत्या की योजना,आटे में मिलाया सल्फास, फॉरेंसिक जांच जारी
आदर्श सहारा टाइम्स
कौशांबी। रिश्तों को तार-तार कर देने वाला एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। करारी थाना क्षेत्र के ग्राम मलिकिया बजहां खुर्दपुर में एक महिला ने अपने ही परिवार को मौत के घाट उतारने की सनसनीखेज साजिश रची। भोजन में सल्फास मिलाकर पूरे परिवार की हत्या की कोशिश करने वाली महिला और उसके दो सहयोगियों को करारी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की मुस्तैदी और तत्परता से एक बड़ी अनहोनी टल गई।सोमवार को पीड़ित बुजेश कुमार निवासी मलिकिया बजहां खुर्दपुर ने करारी थाने में शिकायत दी कि उसकी पत्नी मालती देवी ने खाना बनाते समय आटे में सल्फास मिला दिया था। उसे शक तब हुआ जब आटे से तेज दुर्गंध आने लगी। पूछने पर मालती देवी ने स्वीकार किया कि वह अपने पति व ससुराल पक्ष से छुटकारा पाना चाहती थी और इस योजना को अपने पिता कल्लू प्रसाद और भाई बजरंग बली के कहने पर अंजाम देने जा रही थी।मालती देवी ने पुलिस को बताया कि योजना के अनुसार पूरा परिवार वही जहरीला खाना खाने वाला था। समय रहते पति की सतर्कता ने पूरे परिवार की जान बचा ली।सूचना मिलते ही करारी
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बिनीत सिंह ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल टीम गठित की और सभी आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के निर्देश पर मालती देवी पत्नी बुजेश कुमार, निवासी
मलिकिया बजहां खुर्दपुर
कल्लू प्रसाद, पुत्र स्व. बुल्लाल, निवासी ग्राम मनौरी, थाना पिपरी
बजरंग बली, पुत्र कल्लू प्रसाद, निवासी ग्राम मनौरी, थाना पिपरी
मु0अ0सं0243/25 धारा 109/61(2) बीपीएनएस के तहत आरोपियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत न्यायालय भेजा गया। और जहरीले आटे को सील कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया।
गांव और क्षेत्र में फैली सनसनी, पुलिस की प्रशंसा।
घटना की खबर फैलते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली और त्वरित कार्रवाई की जमकर सराहना की। वादी व गांव के लोगों ने करारी थाना पुलिस को धन्यवाद दिया कि समय रहते उन्होंने तीनों अभियुक्तों को पकड़कर एक बड़ी घटना को रोक लिया। यह मामला सिर्फ एक घरेलू विवाद नहीं, बल्कि एक सोची-समझी हत्या की साजिश है, जिसने इंसानी रिश्तों और भरोसे को झकझोर कर रख दिया। कौशांबी पुलिस की सक्रियता और संवेदनशीलता से आज एक परिवार की जान बच सकी। यह कार्रवाई न केवल कानून का उदाहरण है, बल्कि समाज को चेताने वाली घटना भी है कि नफरत और बदले की भावना कैसे जानलेवा बन सकती है।सचेत नागरिकता और सतर्क पुलिसिंग ने मिलकर कौशांबी में एक त्रासदी को टाल दिया।
